चोपड़ा साहब की प्रेम कथा
चोपड़ा साहब को सेवा निवृत्त हुए 10 साल हो गये, एक बेटा है, विदेश में रहता है | वह एक सरल ह्रदय के मनुष्य है, चेहरे से तो जैसे करुणा टपकती हो, सभी से प्रेम और सौहार्द रखने में विश्वास करते है | कदकाठी में थोड़े गोलमटोल, बाल चांदी की परत चढ़े हुए, शर्ट और पयजामा पहन कर और साथ में एक छाता लेकर ही कही निकलते | चोपड़ा साहब को जो भी देखता उनमे अपने दादा - नाना की झलक देखता | आज की भाषा में कहें तो वो "क्यूट" है | आज उनकी धर्म पत्नी का जन्मदिन है, चोपड़ा साहब सुबह 5 बजे ही उठ गये, नहा धो कर भगवान के सामने अगरबत्ती जला कर तैयार हो गये, स्कूटर निकाली और चल पड़े बाज़ार की ओर, पहले मिश्रा मिष्ठान भंडार से 1 किलो दूध के पेड़े लिये, उनकी पत्नी के पसंदीदा, फिर एक कच्चा नारियल और दो स्ट्रॉ पैक करवाये और आखिर में एक चॉकलेट लेकर वापस चल पड़े | उनकी स्कूटर के ब्रेक एक अनाथालय के सामने लगे, वहा उन्होंने पेड़े बाटें और हॅसते मुस्कुराते बच्चों से विदा लेकर फिर स्कूटर पे सवार हो गये | अब उनका स्कूटर घर से कुछ दूर वाले पार्क में जाकर रुका, वहा वो अपना सामान लेकर एक बेंच की ओर बढे, उस बेंच पर एक लड़का और एक लड़...