Jaun Elia - Top 20 Shayari


 1. जो गुज़ारी जा सकी हम से

हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है


2.अब मिरी कोई ज़िंदगी ही नहीं

अब भी तुम मेरी ज़िंदगी हो क्या


3. यारो कुछ तो ज़िक्र करो तुम उस की क़यामत बाँहों का

वो जो सिमटते होंगे उन में वो तो मर जाते होंगे


4. मैं भी बहुत अजीब हूँ इतना अजीब हूँ कि बस

ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं


5. बहुत नज़दीक आती जा रही हो

बिछड़ने का इरादा कर लिया क्या


6. यूँ जो तकता है आसमान को तू

कोई रहता है आसमान में क्या


7. क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में

जो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं


8. एक ही तो हवस रही है हमें

अपनी हालत तबाह की जाए


9. वो जो आने वाला है ना उस से मुझ को मतलब था

आने वालों से क्या मतलब आते हैं आते होंगे


10. किस लिए देखती हो आईना

तुम तो ख़ुद से भी ख़ूबसूरत हो


11. क्या सितम है कि अब तिरी सूरत

ग़ौर करने पे याद आती है


12. इलाज ये है कि मजबूर कर दिया जाऊँ

वगरना यूँ तो किसी की नहीं सुनी मैं ने


13. अपने सब यार काम कर रहे हैं

और हम हैं कि नाम कर रहे हैं


14. हमारी ही तमन्ना क्यूँ करो तुम

तुम्हारी ही तमन्ना क्यूँ करें हम


15. क्या है जो बदल गई है दुनिया

मैं भी तो बहुत बदल गया हूँ


16. ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता

एक ही शख़्स था जहान में क्या


17. आज बहुत दिन ब'अद मैं अपने कमरे तक निकला था

जूँ ही दरवाज़ा खोला है उस की ख़ुश्बू आई है


18. अब जो रिश्तों में बँधा हूँ तो खुला है मुझ पर

कब परिंद उड़ नहीं पाते हैं परों के होते


19. कौन इस घर की देख-भाल करे

रोज़ इक चीज़ टूट जाती है


20. उस की उमीद-ए-नाज़ का हम से ये मान था कि आप

उम्र गुज़ार दीजिए उम्र गुज़ार दी गई


उमीद-ए-नाज़ का मतलब है - प्रेमी द्वारा लाड़ में की गयी उमीद

इस शेर में ये कहा गया है की प्रेमिका ने मुझसे लाड़ में ये उमीद की मैं उसके बिना उम्र गुज़ार दूँ ,

और मैंने उम्र गुज़ार दी

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