संदेश

इस देश में कई देश रहते है

इस देश में अब कई देश रहते है अपनी अपनी बात सब कहते है  भाषा धर्म जाती प्रान्त के नाम पर झगड़ा है हर गाली देने वाला संविधान को पकड़ा है फिर भी कायर है जो चुप चाप सहते है इस देश में अ...

अँधेरे

पहले अंधेरो को अँधेरे में रखा गया फिर उजालों पर खूब लिखा गया किताबें जो उम्र भर ना सीखा सकी बुरा वक़्त पल भर में सीखा गया हम तरसते रहे जिनके दीद को वो जाने किस किस को मुँह दिखा ...

हिन्दू मुसलमान

क्या खुदा ने ही ये इंसान बनाया है? मुझे हिन्दू तुम्हे मुस्लमान बनाया है? अगर ऐसा होता,  तो चाँद तारे भी मज़हबी होते            वो भी आपस में लड़ते वहा भी दंगे होते अगर ऐसा होता,  त...

कब

एक गांव में एक घर था | उस घर में बाबूलाल अपने 6 बेटों के साथ रहते थे | उनके पड़ोस के घर में पप्पूलाल रहते थे उनके 3 बेटे थे | पप्पूलाल जी का बड़ा बेटा कल्लन अक्सर अपने भाइयो को बेरहमी से ...

शिरीन फरहाद और ग़ालिब

तेशे बग़ैर मर न सका कोहकन 'असद' सरगश्ता-ए-ख़ुमार-ए-रुसूम-ओ-क़ुयूद था मिर्ज़ा ग़ालिब के इस शे'र के पीछे एक कहानी छुपी है | आइये पहले इसका शाब्दिक अर्थ जान लेते है - तेशे का अर्थ होता ह...

कम्बख्त इश्क़

ठण्ड के दिन थे, सुबह के 9 बजे थे, कोहरा धीरे धीरे छट रहा था, विक्रम अपनी छत पर व्यायाम कर रहा था, वह पसीने से तर था, तभी सामने की छत पे पायल अपने बाल सुखाने पहुंची, हाँथ में एक कागज़ था ...

फिर वही

फिर वही दिन वही सुबह वही ज़िंदगानी फिर वही शब वही जाम वही आँखों में पानी हम इस दुनिया में जी लगाये तो कैसे फिर वही पाप वही ज़ुल्म वही बेईमानी अब तो मेरे ओहदे से परे कर मुझको फिर ...