Zaruri hai - Nazm on Life

                 ज़रूरी है 

पानी को बहते रहना ज़रूरी है
कहानी को कहते रहना ज़रूरी है 
हाल जो कुछ भी हो आदमी का
ज़िन्दगी को जीते रहना ज़रूरी है

बुढ़ापा आगया तो क्या मर जाये
हम तुम्हारे सिवा अब किधर जाये
दवा बेअसर मालूम हो तब भी
दवा को पीते 
रहना ज़रूरी है

आदमी को जानवर से कम प्यार दिया
धीरे धीरे तुमने उसे मार दिया
नमक लिए फिरते है लोग आँखों मे
जख्म को सीते रहना ज़रूरी है

पुरानी बातों को कब तक याद रखे
अपने घरोंदे को क्यूँ बर्बाद रखे
कल जो आएगा उसकी ख़ुशी की खातिर
जो बीत गया उसे बीते रहना ज़रूरी है

अश्क़ जगदलपुरी 

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